Saturday, June 22, 2024

भयाक्रांत


                                                       सपने कैसे कैसे
 
सपने क्या होते हैं? गोल-गोल की बातों में न पड़ें तो सपने वही होते हैं जो हम नींद में देखते हैं। सपनों को लेकर वास्तु की एक अलग कहानी होती है और मन की एक अपनी अलग। जैसे माना जाता है कि चौथे पहर का सपना सच होता है। ऐसे ही अलग-अलग तरह के सपनों के अलग-अलग मायने बताए गये हैं।

जो कुछ सपने सबसे जबर्दस्त असर डाल गये मन पर उनमें से एक था मुन्नू जी का मर जाना। अभी भी याद है उस सुबह मैं रो रहा था और रोते हुए उसके दिल्ली वाले नंबर पर फोन किया था। सबकुछ ठीक था। पता नहीं वैसा सपना क्यूं आया था। उस घटना को करीब बीस साल हो गये। 

पिछले दिनों सरकारी नौकरी की अजीबोगरीब सपने ने राहत सी दी। बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में चूक जाने से मैं पहले से ही बहुत टूटा-टूटा और बिखरा सा रहता हूं। संभव है कि मन इतना ज्यादा इन बातों में लगा रहता है कि सपनों की ग्रंथियों पर भी इसका जोरदार असर हुआ होगा। बिजली विभाग की वह छोटी सी नौकरी का सपना कितना अच्छा लगा। यह सोचकर कि मैं बिहार में रहूंगा मन एकदम खुश हो गया था।

जिंदगी बीत जाए तो ये सब कहानियों का कोई मतलब नहीं रहेगा। 

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