श्री भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
तन्वी के जन्मदिन पर ज्योतिर्लिंग जाना एक नियम सा हो गया है। हालांकि पहले जन्मदिन पर ऐसा कुछ नहीं था शायद लेकिन ऐसा करना सही और उचित लगा तो इसे विशेष प्रयास से जारी रखा गया।
भाग्य की नौकरी के कारण तन्वी अपना छठा जन्मदिन पूर्णिया में मनाई और मैं यहां मुंबई में ही रहा। कुल मिलाकर ज्योतिर्लिंग जाने का कार्यक्रम नहीं हो पाया। इसलिए यह तय किया हुआ था कि जब भी हमलोग साथ रहेंगे किसी ज्योतिर्लिंग का दर्शन करेंगे।
आज यह हो गया। हर-हर महादेव।
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