Saturday, March 30, 2024

छोटी-छोटी

 

                                                           मगर मोटी बातें

रामायण और महाभारत के प्रसंग काफी रोचक हैं। इन ग्रन्थों में इतने सारे प्रसंग हैं कि उसे गिनना मुश्किल है। कुछ प्रसंग तो ऐसे हैं जो दिमाग पर लंबे समय तक छाप छोड़ देते हैं। हर प्रसंग के पीछे प्रसंगों की पूरी श्रृंखला रहती है और इसमें धर्म के मूल सिद्धांतों का अक्स दिखता है।

द्रौपदी को लेकर एक बात हमेशा कई लोगों के मन में घूमती है कि द्रौपदी पांच लोगों की पत्नी थी। इसे एक प्रथा के रूप में चित्रित करके इसके अपने-अपने मतलब भी निकाले जाते हैं। महाभारत के एक प्रसंग को सुनते हुए मालूम चला कि दरअसल इस प्रसंग के पीछे एक बड़ा प्रसंग है। हुआ था ऐसा कि द्रौपदी किसी जनम में नल-दमयन्ति नामक राजा-रानी की पुत्री इंद्रसेना थी और शिव को प्रसन्न करके उसने वरदान में ऐसा पति माना था जिसमें तीरंदाजी, बुद्धिमत्ता, साहस, बुद्धि, तीक्ष्णता और सुंदरता का अद्वितीय मिश्रण हो। शिव जी ने तब कहा था कि ऐसा किसी एक में अगर होगा तो संसार का संतुलन बिगड़ जाएगा और ऐसा कहने के बाद उन्होंने इंद्रसेना को वैसा पति मिलने की बात कह दी। बाद में द्रौपदी की शादी हुई तो अर्जुन से लेकिन जब भीम ने खुशी में मां कुंती को बताया कि देखो मां हम क्या लेकर आए हैं तो कुंति में बिना पीछे देखे ही कह दिया कि जो भी लाए हो उसे आपस में पाचों भाई बांट लो। मां की कही बात तब पत्थर पर पड़ी लकीर की तरह थी और मां कुंती को भले ही पछतावा हुआ लेकिन द्रौपदी पांचों की पत्नी बन गई। युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव।

हालांकि वृतांतकारों ने अलग-अलग कहानियां भी बतलाई है जैसे कि कहीं यह भी लिखा दया है कि द्रौपदी ने शिव की पांच बार पूजा की थी जिसकी वजह से ऐसा हुआ। हो सकता है कहीं और कुछ लिखा गया होगा। लेकिन जो भी हो, इसके पीछे की कहानियां होती बड़ी दिलचस्प और रोचक है। 

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