Sunday, January 16, 2022



समय के साथ चलती चीजें ठीक रहती हैं। इसे कई तरीके से कहा जाता है लेकिन मायने वही होते हैं कि समय रहते चीजों को कर लेना बाद में पछतावे से बचाता है।

टायर पर डंडे मारकर उसे हांकना, पीढिया पर बैठकर पूरे बगीचे में क्यारियों से होते हुए देर तक इधर से उधर करना, तेज साइकिल चलाना और स्टंटवाजी करना जैसी चीजों की उम्र अधिकतम दस से बारह वर्ष तक होती है। इसी तरह पढ़ाई को लेकर गंभीर होने की उम्र भी एक निश्चित समय तक ही रहती है उसके बाद फिर करियर को जो दिशा मिलना होता है मिल जाता है भले ही कोई इस बारे में अलग राय रखता हो। 

शादी-वादी भी उम्र तक ही सही रहती है उसके बाद समझौता आड़े आता है और मन में कोई न कोई कसक छोड़ ही देता है।

कुल मिलाकर देखा जाए तो हर कोई समय के साथ दौड़ लगाता दिख जाता है। यहां तक कि बालपन में भी यह बात उतनी ही लागू होती है जितनी कि वयस्क होने पर। 

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