अपने सामने किसी को बूढा होते देखना भावनात्मक रूप से दर्दनाक होता है। अक्षय कुमार की उजली दाढ़ी और परमोद भैया की उजली दाढ़ी मन में अलग-अलग भाव पैदा करती है। एक प्राकृतिक घटना लगती है और दूसरी प्राकृतिक अत्याचार!
पिछले दिनों बेगूसराय गया तो परमोद भैया के ज्यादातर बाल पक चुके थे और दाढ़ी तो एकदम सफेद हो गई थी। उनके आगे के कई दांत भी उम्र की वजह से टूट रहे थे। हालांकि यह सब एक प्राकृतिक बात थी लेकिन पता नहीं ऐसा क्यूं हुआ कि यह सब देखकर कलेजा मुंह को आने लगा था।
आज जब इंसानियत आखिरी सांस लेती हुई मालूम पड़ती है ऐसे में परमोद भैया के पके बाल आखिर बेचैन क्यूं न करें!
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