एक लब्बोलुआब
कई बार संघर्ष इसलिए किया जाता है ताकि अपनी तरह के लोगों के साथ न्याय किया जा सके। उदाहरण के लिए ट्वाइलेट एक प्रेम कथा में जब दुल्हन रूठ कर अपने मायके चली जाती है और दुल्हा उसे वहां लाने जाता है तो दुल्हन कहती है कि अगर वह वापस ससुराल आ जाती है तो इससे उन महिलाओं का मनोबल टूट जाएगा जो उसके संघर्ष को अपना संघर्ष मानने लगी हैं।
ब्रेक-अप के बाद जो लोग दुगुनी जोश के साथ अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ते हैं ये वैसे ही लोग होते हैं।
ब्रेक-अप बस एक-दूसरे के साथ की गई बेवफाई ही नहीं बल्कि किसी भी कारण से रिश्ते का टूट जाना है। यह सड़क दुर्घटना में एक पार्टनर की मौत भी हो सकती है या एक पार्टनर की शादी भी हो सकती है।
एम.एस.धोनी में जो धोनी के साथ पहली बार होता है उसे भी ब्रेक-अप की तरह अगर देखा जाए तो ब्रेक-अप के बाद किसी का अपने लक्ष्य को दुगुने जोश के साथ हासिल करने की अवधारणा को बल मिलता दिखाई देता है।
पहला प्यार जैसा कुछ तब ही होता है जब जिंदगी में प्यार ही सबकुछ हो। जब जिंदगी में एक जुनून सवार हो जाए तो प्यार दोयम दर्जे की एक चीज बन जाती है जिसका पहला, दूसरा या तीसरा होने का कोई अंतर नहीं रह जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पहला प्यार वही जुनून होता है जो जिंदगी पर कम उम्र में सवार हो चुका होता है।
धोनी को क्रिकेट चाहिए। उसे सरकारी नौकरी नहीं चाहिए। उसे एक कमरे के सरकारी क्वार्टर में चार लोगों के साथ रहने में कोई दिक्कत नहीं है। उसे किसी भी चीज की दिक्कत नहीं है। उसे किसी चीज को कमी नहीं है क्योंकि उसकी कोई जरूरत ही नहीं है। वह किसी के पास नहीं जा रहा है, बल्कि लोग उसके पास आ रहे हैं और ऐसा उसके जुनून के कारण है। वह हीरो है। वह अपना हीरो है और अपने लिए हीरो है। वह अपनी पसंद जी रहा है और अपनी बदौलत वह बाहरी दुनिया का भरोसा भी खुद में पैदा कर रहा है।
फ्लाईट में संयोगवश लड़की से टकराना और फिर उसकी तरफ आकर्षित होना एक बेहद स्वाभाविक घटना है। दोनों का करीब आना भी एक स्वाभाविक घटना है। लड़की की मौत हो जाना एक दुखद घटना है! धोनी को तीन-चार दिन के बाद उसकी मौत का अचानक पता चलना भी दुखद है। धोनी का भावुक होकर बीच में गाड़ी रुकवा कर सड़क के किनारे विलाप करना भी दुखद है लेकिन निर्णायक नहीं है। इनमें से कुछ भी निर्णायक नहीं है। इनमें से कुछ भी ऐसा नहीं है जो उसके किसी निर्णय को बदल दे। ऐसा इसलिए क्योंकि एक जुनून है जो उसपर सवार है और उस जुनून में उसके साथ होने वाली इस तरह की सभी घटनाएं बस एक घटना भर ही है, जो एक सतत प्रक्रिया है।
एक अंतराल के बाद धोनी को एक रिसेप्शनिस्ट भाती है और वह उसके प्रभाव में आता है। बात आगे बढ़ती है और फिर धोनी उससे शादी करता है।
धोनी की जिंदगी में जो एक निर्णायक चीज है वह है क्रिकेट को लेकर उसका जुनून। यही जुनून पहला प्यार है!
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