Sunday, September 2, 2018


                                  यह देश स्वप्ना बर्मन जैसी महिलाओं का है!

स्वप्ना बर्मन की मां को जो वीडियो फेसबुक पर वायरल हुआ है उसे देखकर आंख भर आई।

स्वप्ना की मां दहाड़ मारकर रो रही है और रोते-रोते आंगन के उसपार बनी मां काली की प्रतिमा के समक्ष दंडवत होकर फिर से रोने लगीं।

स्वप्ना का संघर्ष उल्लेखनीय है। पिता ऑटो चलाते थे लेकिन अब शरीर साथ नहीं दे रहा है और बिस्तर पर पड़े हैं। घर कैसे चलता होगा पता नहीं! अखबारों की खबरों के मुताबिक उसका भाई कहीं काम करता है जिससे घर चलता है। उसकी मां चाय बगान में काम करती थीं लेकिन अब अपने पति की देखभाल के लिए सबकुछ छोड़कर उनके पास रहती हैं। हाय रे भारतीय नारी!

स्वप्ना ने अनगिनत बाधाएं पार की होंगी, इतनी कि जिंदगी उसे अलग से एक गोल्ड मेडल दे दे।

एशियन गेम्स में इतनी दिलचस्पी कभी नहीं रही जितनी कि इस बार रही। मेडल लेने की खबर आती रही तो लगा भारत में कुछ पहली बार हो रहा है। बतौर भारतीय खेल से जोड़कर शायद पहली बार इतना अच्छा लगा।

स्वप्ना को दोनों पैरों में छह-छह ऊंगलियां हैं और उन्हें स्वर्ण पदक हासिक करने तक कठिनाइयां उठानी पड़ी। अब जाकर जब उनकी सफलता की कहानियां हवाओं में घुल चुकी है तो एक अच्छी खबर यह आई है कि जूते बनाने वाली एक बड़ी कंपनी के मालिक ने स्वप्ना के लिए विशेष जूते डिजाइन करने का फैसला लिया है।

पश्चिम बंगाल सरकार आर्थिक और हर तरीके से मदद करने की घोषणा भी उसके परिवार को कर चुकी है।


स्वप्ना बर्मन


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