रामाश्रय सर के निधन की खबर
इतनी मनहूस है कि बेगूसराय इससे कभी नहीं उबर पाएगा। अपर लोक अभियोजक राम नरेश
शर्मा के बाद यह दूसरी भयानक क्षति इस जिले के लिए है। अभी 16 जून को जब फोन पर
उनसे बात हुई तो उन्होंने बताया था कि कुछ महीनों से बीमार चल रहे हैं, अभी उनके
घरवालों से मालूम चला कि उनका देहांत हो गया है।
2009 में इग्नू से जब मैंने
मानवाधिकार की पढ़ाई शुरू की थी तो जिले में मुझे एक मार्गदर्शक चाहिए था जिसे उस
विषय की अच्छी जानकारी हो। रामाश्रय बाबू से तभी मुलाकात हुई और फिर उनकी
जीवनशैली, कर्तव्यनिष्ठा, मेहनत और समाजसेवा को लेकर उनके समर्पण ने मुझे उनका
आजीवन शिष्य बना लिया। उसके बाद जो रिश्ता बना वह इस तरह बना कि उनसे हर महीने एक
या एकाधिक बार फोन पर लंबी बात हो जाया करती थी। उनसे बात करने मुझे इस बात का
संतोष मिलता था कि आज भी उनके जैसा व्यक्ति इस समाज में है। उनका निधन मानवाधिकार
और न्यायप्रिय समाज के लिए तो न भर पाने वाली क्षति है ही, मेरे लिए अबतक की सबसे
बड़ी निजी क्षति है।
बेगूसराय में कई
कार्यक्रमों में वह मुझे साथ रखते थे। खगड़िया में सूचना के अधिकार पर जब वहां के
युवाओं ने एक कार्यक्रम किया था तो हम दोनों ने वहां जाकर अपना संबोधन किया था। बेगूसराय
में जब प्रभात खबर के एक पत्रकार को एक दारोगा ने पीटा था तो उस मामले की जांच
कमेटी में उन्होंने मुझे भी शामिल किया था। उस मामले में बाद में दारोगा पर भी
कार्रवाई हुई और पीड़ित को पचास हजार रुपये का मुआवजा भी उन्होंने दिलवाया।
रामाश्रय बाबू हर वैसे आदमी के लिए एक सहारा थे, जिसे न्याय के लिए दर-दर की ठोकर
खानी पड़ती थी। स्टेशन रोड स्थित उनके आवाज पर मैंने घंटो बिताए और इस दौरान रामी
सिंह की विधवा सहित अनगिनत लोगों को मदद मांगते आते देखा।
रामाश्रय बाबू के बारे में
कितना भी लिख लिया जाये या उनके भाषणों को संग्रह कर लिया जाये लेकिन वह जिस गहराई
से समाजसेवा में लीन रहते थे, उस गहराई को कोई शायद ही भविष्य में छू पाएगा।
एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ
समाजसेवी को मेरी श्रद्धांजलि। नीचे दी गई तस्वीर खगड़िया की है, जहां सूचना के
अधिकार विषय पर आयोजित एक सम्मेलन में हम दोनों विशेष अतिथि थे!
यह कैसा संयोग है कि रामाश्रय सर के निधन की खबर उस दिन हुई जिसके ठीक एक दिन पहले मैंने लॉ की आखिरी परीक्षा दी और फेसबुक पर सबको इसकी जानकारी दिया।
काश कि लॉ होने की खबर समय रहते रामाश्रय सर को दे पाता!
यह कैसा संयोग है कि रामाश्रय सर के निधन की खबर उस दिन हुई जिसके ठीक एक दिन पहले मैंने लॉ की आखिरी परीक्षा दी और फेसबुक पर सबको इसकी जानकारी दिया।
काश कि लॉ होने की खबर समय रहते रामाश्रय सर को दे पाता!
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रामाश्रय सर का पार्थिक शरीर |
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