Saturday, December 2, 2023

 पुलिस अधीक्षक कार्यालय में वीआईपी सुरक्षा पास के लिए जाना पहले भी हुआ है और कई तरह के अनुभव मिले हैं। याद है मुझे कुछ सालों पहले जब प्रधानमंत्री शिरडी आ रहे थे तो मैं उजले रंग की हाफ शर्ट में थाने पहुंचा था तो वहां आसपास के कांस्टेबल्स खड़े हो गए थे उन्हें लगा था कि कोई बड़ा अधिकारी आया है। मेरे साथ कैमरा पर्सन क राना और अभिषेक सिंह थे जिन्होंने बाद में इसका जिक्र भी किया और हम लोग एक साथ इससे जुड़ी बातें करते रहे। इसी तरह एक बार किसी थाने में मैंने कांस्टेबल्स को बहुत परेशान देखा तो उसके काम में हाथ बताने लगा इसी क्रम में मैंने कागज के लिफाफे भी बना दिए थे जिससे कि वहां अस्त व्यस्त पड़े फोटो को व्यवस्थित तरीके से रखा जाए। नासिक औरंगाबाद में एक बार में जब गाड़ी से उतरा था तो मेरे साथ वहां के दूरदर्शन के एक स्टाफ थे जो सफारी सूट पहने हुए रहते थे। मुंबई पुलिस के सुरक्षा कर्मी भी कई बार सफारी पहने रहते हैं। जब मैं गाड़ी से उतरा और दूरदर्शन के स्टाफ मेरे पीछे उतारे तो वहां दूर खड़े पुलिस कर में भी खड़े हो गए थे। ऐसा कई वाक्य फीड पर हुआ है जिसमें कई तरह के रोमांचक अनुभव मिले हैं अच्छे भी और कुछ बुरे भी। बड़ा अनुभव में सबसे यादगार बिहार चुनाव के दौरान का वह अनुभव है जब एक पुलिस कर्मी ने बड़ी ही बदतमीजी के साथ बात की थी और डीएसएनजी हटाने को कहा था। खैर कौन सी जिंदगी में रहना है जो सभी चीज हमेशा याद रखी जाए बहरहाल बीती देर रात जो सिंधु दुर्ग पुलिस अधीक्षक कार्यालय के दूसरे तल पर हुआ उसे याद रखने के लिए इस बार का रविवार उसके नाम कर देता हूं।


हु आर यूं कि नौसेवा दिवस प्रधानमंत्री के तारकर्ली डर

No comments:

Post a Comment