Sunday, June 12, 2022


बड़े होने का क्रम पिछ्ले कुछ महीनों में तेज होता मालूम हुआ। लाल बाबू जी के बाद बड़ी फुआ के भी देहांत की खबर कल मिल गई।

ए एस एल की बैठक गति पकड़ती इससे पहले ही पापाजी का फोन आ गया। चार-पांच लाईन में बामुश्किल बीस सेकंड हुई बातचीत में उन्होंने यह सूचना दी। मशीन की तरह जीते रहने में इस तरह की सूचनाओं पर रिएक्ट करने की जैसी उम्मीद सूचना देने वाले को होती है वैसा रिएक्शन तत्काल दे पाना संभव नहीं होता है कई बार। पापाजी ने देर शाम फिर फोन करके यही बात बताई शायद दिन के उदासीन रवैए से उन्हें लगा कि मैं उनकी बात ठीक से सुन ही नहीं पाया।

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