Sunday, March 13, 2022

 

जो बीत गया वह बीतता रहता है। दोपहर घनघोर थी। नींद आई गई लेकिन पूरा दोपहर नहीं बीता और थोड़ा रह गया उन बीती घटनाओं के सहारे जो बीतता रहता है हर रोज, हर वक्त, हरदम।

घर में किसी का आना कई तरह के भाव पैदा करता है। मौसा जी और लाल बाबू जी को लेकर एक अलग भाव होता था। वैसा भाव किसी और के आने से नहीं होता था। बिस्किट और चॉकलेट बचपन में किसे पसंद नहीं होते हैं!

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