Saturday, May 18, 2024

महीने बाद

                                                 

                                      बालकनी की तुलसी के बहाने...!

महीने भर बाद कमरे पर आया तो सहमा-सा गमले की तरफ गया। आशंका थी कि गमले में लगे पौधे कबूतर ने या तो नोच डाले होंगे या फिर धूप में झुलस गये होंगे। गमले में तुलसी का पौधा नहीं दिखने से मन बैठ गया लेकिन थोड़ी देर में ही गौर किया कि जिस गमले में मैं तुलसी के पौधे को खोज रहा था वह दरअसल पहले से ही खाली था और बगल के गमले में तुलसी का पौधा काफी बड़ा हो गया था। मन कर रहा था कि उस पौधे को गले से लगा लूं! थोड़ी देर तक उसे देखा फिर बाकी पौधों को भी देखा। सारे पौधे बड़े हो गये थे और पत्तियां लहलहा रही थी। करी पत्ता के जिस पौधे के खराब होने के बावजूद मैं उसमें नियमित पानी दिया करता था, उसमें भी नई टहनियां निकल आईं थीं और पत्ते तने हुए से खुश दिखाई दे रहे थे।

अपने लगाए पौधे को अचानक बड़ा हुआ देखना एक अलग तरह की खुशी देती है।

बचपन में जब मैं सबके साथ कुछ दिनों के लिए बाहर जाता था तो आने के बाद सबसे पहले बगीचे में जाता था। तब बगीचे में बहुत सारी सब्जियां और फूल लगे होते थे। पापाजी को हमेशा बगीचे का शौक रहता था। बाहर से आते ही पापाजी सबसे पहले बाल्टी लेकर सभी पौधों में पानी देते थे। 

एक बार शायद हमलोग तीन-चार दिनों के लिए कहीं बाहर गये हुए थे। क्यारियों में खीरे, टमाटर, मिर्च वगैरह के पौधे लगे थे। बाहर रहने के कारण पौधों को पानी देने वाला कोई नहीं था। तब शांति का दौर था। समय इतना तेज नहीं भागता था, लोग चैन से रहते थे। जब हमलोग वापस आए तो मैं क्यारियों की तरफ बढ़ा। किसी पौधे में लगे फल को खोजने का एक अपना आनंद होता है। खासकर तब जब वह फल कहीं छिपा हुआ हो! मैंने देखा कि खीरे की लत्ती में दो-तीन खीरे सामने ही दिख रहे थे। मन आह्लादित हो गया। पापा जी भी उधर आ गये। फिर बड़ी-बड़ी लत्तियों में छिपे खीरे को देख-देखकर मैं खुशी से पागल हुआ जा रहा था। लत्तियों में बहुत सारे खीरे छिपे मिले। हमने एक-एक कर कम से कम दस-बारह खीरे तोड़े और फिर बाल्टी से उन क्यारियों को नहाया। कितनी खुशी मिली थी तब!

कामोठे के किराये के मकान में तुलसी के इस बड़े पौधे को देखकर भी उतनी ही खुशी मिली।

बागवानी इंसान को खुश रखती है। तनाव कितना भी हो, बगीचे में बैठकर अच्छा महसूस होता है। आज के फ्लैट सिस्टम में जगह तो उतनी नहीं है लेकिन फिर भी मैंने और भाग्य ने बालकनी में जो गमले लगाये और उसमें फूल उगाये उनकी तस्वीरें हमेशा खुशी देती रहेंगी।

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तस्वीरें :






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