खट्टी-मीठी यादें बनती चली जाती हैं। तन्वी करीब डेढ़ साल से स्कूल बस में स्कूल जा रही है। आज पहली बार हुआ कि हम चारों में से कोई समय पर सुबह नहीं जगा और बस तन्वी को लिए बिना स्कूल चली गई। झटपट उठना, फिर घड़ी में सात बजा देखना और मोबाइल में स्कूल बस वाले प्रशांत का मिस कॉल देखना बहुत बाद तक रोमांचित करता रहेगा।
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