तन्वी का स्कूल में मॉनीटर होना
भाग्य ने फोन पर बताया कि आज तन्वी को स्कूल में मॉनीटर बनाया गया है। कभी-कभी कुछ भी होना बहुत होता है। घोर अंधकार से गुजरते हुए कहीं से कोई अच्छी आवाज आती है तो सुकून जैसा मिलता है। भाग्य की बात ने अंदर में एक गुदगुदी जैसी की।
मॉनीटर का मतलब मेरे लिए दीपक था। दीपक यानि बमबम। स्कूल में सातवीं की कक्षा में दीपक मॉनीटर था और मैं निहायत ही डरपोक। कई बार मैंने उसे इसलिए चाट खिलाया था कि वह सर को मेरा नाम न बताए। एक छवि होती थी मॉनीटर की। इन यादों को ढोते हुए तन्वी का मॉनीटर होते सुनना जबर्दस्त अनुभव देने वाला था।
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