JOURNALIST
विमल ज्ञान केंद्र के रास्ते में आने वाले शहतूत के पेड़ की यादें अचानक ताजा हो गई। मन व्याकुल सा हो गया कि वहां जाऊं और फिर से उस समय को जियूं जो बहुत पीछे छूट गया।
गली के मुहाने से मुड़ती वह
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