Sunday, February 14, 2021

उन वजहों में से एक

                                     

                                          जिल्लतों का वह दौर!


कई बार वहां ऐसा लगा था कि हवाओं में आतंक घुला है। मक्के के खेत के बीच में गोलियों से छलनी किया हुआ शरीर, रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ किसी आदमी के चिथड़े, किसी के मर्डर की खबर सुनना, उस रोज गली में नशे में धूत मुकेश भैया की थप्पड़, गली के बाहर आते ही उस रोज किसी को हाथ में रिवॉल्वर लेकर चलते देखना, चादर में लपटी लाश और दीवाल पर काले रंगों से लिखी पंक्तियां, मुहल्ले में मारपीट, पुलिस की गाड़ियों की आवाजें और भी न जाने क्या-क्या!


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