अकेलापन कभी कभी काफी सुकून देता है। खासकर तब जब उम्मीदें एक एक कर खत्म होती चली जाती है। मुझे अब इस बात का पक्का भरोसा हो चला है कि आदमी सबसे ज्यादा खुश अकेला ही रह सकता है। हालांकि इस खुशी का एहसास उसे तब नहीं होता है जब वह अकेला होता है। इस खुशी का एहसास उस बेचारे को तब होता है जब वह वापस अकेला हो जाता है। मेरे साथ ऐसा हुआ है और मुझे लगता है कई के साथ हुआ होगा।
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