दूसरी हरित क्रांति से पहले दूसरा मेक्सिको का खतरा .
रसायन व उर्वरक राज्य मंत्री श्रीकांत कुमार जेना ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में माना है कि उर्वरको पर दी जा रही अप्रत्यक्ष सब्सिडी का कृषि उत्पादकता पर कोई खास प्रभाव नहीं पर रहा है.2001-02 की तुलना में 2009-10 में उर्वरक सब्सिडी लगभग चार गुनी बढाई गई लेकिन खाद्यान्न में केवल 64 किलो प्रति हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी ही हो पाई.2001-02 में उर्वरक सब्सिडी 12695.02 थी तब उत्पादन 1734 किलो प्रति हेक्टेयर हुआ था वही 2009-10 में उर्वरक सब्सिडी 64034.29 करोर कर दी गई लेकिन उत्पादन 1798 किलो प्रति हेक्टेयर ही हो पाया.ध्यान रहे कि देश में आज कल दूसरी हरित क्रांति लाने की बात निकल कर दूर तलक जा चुकी है और संभावना ये व्यक्त की जा रही है की सरकार जल्द ही उर्वरको पे दी जा रही सरकारी सहायता समाप्त कर सकती है.बाद में कचरा न हो इसीलिए सरकार ''सेल्फ डिफेंस '' का जुगार बैठा रही है,मंत्री जी का बयान भी इसी सोच से प्रेरित है.

यह अब मानी हुई बात हो चूकि है कि मनमोहन काल में ''आम पीपल'' बकरी कि पूंछ बन चुके है जो न इज्जत ढक पा रही है और न ही मख्खी भगा पा रही है .तब नाफ्टा था अब साफ्टा है.कथित सब्सिडी कहिये या मांग जनित मुद्रास्फीति की रफ़्तार लेकिन सच यह हे कि चेन्नई के लिए पंजाब के गेहू से कही सस्ता विदेश का गेहू है.विदेश में गेहू कि कीमत 170 से 200 डॉलर के आस पास है.भारत की धरती तक आने में विदेशी गेहू 10-11 रूपये प्रति किलो हो जाता है जबकि पंजाब से चेन्नई भेजे जाने पर गेहू की ढुलाई ही 13-14 रूपये प्रति किलोग्राम पड़ती है .नतीजा ये होता है कि दक्षिण भारत की आटा मिले पंजाब या हरियाणा से गेहू मांगने के बजाय आयात करना बेहतर समझती है और उनके हिस्से का आटा सड़ता है.जब दुर्गन्ध से परेशान हो कर उच्चतम नयायालय उन खाद्यान्नो को गरीबो में मुफ्त बांटने को कहती है तो कृषि मंत्री भभक जाते है.
कुल मिलाकर मै यह मानता हूँ कि सरकार का विदेशी पूंजी निवेश को कृषि क्षेत्र में अनुमति देने का विचार और उर्वरको पर अप्रत्यक्ष सब्सिडी हटाने कि घुपचुप रणनीति विकास दर को कितना फायदा पहुचायेगी पता नहीं लेकिन किसान तड़प तड़प के मरेंगे और आत्महत्या का जो अधिकार आज झारखण्ड का एक वर्ग मांग रहा है वही कल चम्पावती और कलावातियो का 'कमानेवाला' मांगेगा.राहुल गाँधी को अभिनय की कला का बेहतरीन नमूना तो तब दिखेगा!
keep it up mere bhai............so nice!!!!
ReplyDeleteachcha likha hai , good read
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