अमरावती-राजधानी
Y K SHEETAL
JOURNALIST
Saturday, June 28, 2025
Sunday, June 22, 2025
बुला लो बिहार
परिवार से दूर...कब मिटेगी दूरी!
द्वंद्व गहराता ही जाता है। भरोसा को नजर लग गई हो जैसे। किसी पर नहीं होता। खुद पर तो बिल्कुल भी नहीं।
बिहार जाने का रास्ता कभी आसान तो कभी जटिल लगता है। बचपन से अबतक के न जाने कितने ही घटनाक्रम दिमाग में कौंध जाते हैं और कितनी ही चीजें एक के बाद एक याद आने लगती है। अपनी यादों के साथ रहना हमेशा गरमाहट नहीं देता, कभी-कभी झुलसा देने वाली जलन भी देता है।
बमबम और साकेत जैसे उदाहरण सामने रखकर यह हिम्मत जुट ही नहीं पाती कि ठीकठाक आमदनी वाली नौकरी छोड़कर अंधेरी बस्ती में उम्मीद की किरणों को टटोलने निकला जाए। गुमनामी में बहुत सारे तनाव होंगे लेकिन कहीं थोड़ी राहत भी जरूर होगी। अचानक आने वाले फोन कॉल से, लोकल की भागादौड़ से, छुट्टियों में पसरने वाली तनहाइयों से, इतनी सीढियों से, कश्मकश से और शायद कई ऐसी चीजों से जिसका एहसास बाद में कभी हो।
दोस्तों की एक टोली जिंदगी की जरूरत सी बन गई है। दफ्तर में कभी-कभी कितना अच्छा लगता है जब हंसी-मजाक होती है, एक-दूसरे की टांग खिंचाई, मजाक वगैरह कितना अच्छा लगता है। वैसा लेकिन कभी-कभार होता है। अगर ये नियमित हो जाए तो शायद जिंदगी में पसरा हुआ अनंत अवसाद का दर्द थोड़ा कम हो जाए।
Saturday, June 7, 2025
Miracle
If this is not miracle then what would be! The most challenging visit to Rameshwaram and Jagannath completed with maximum success rate.